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कविता: सीख लिया हमने

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"सीख लिया हमने"


अब संभलना सीख लिया है हमने,
गिर कर उठना सीख लिया है हमने,
बचपन में चलना सिखाया था मा बाप ने,
आज खुद से चलना सीख लिया है हमने,
आज खुद संभलकर लोगो को, 
संभालना सीख लिया है हमने,
अब किसी  सहारे के बिना भी,
चलना सीख लिया है हमने,
रोते को हसाना सीख लिया है हमने,
छोटे पंखों के परिंदो को भी, 
उड़ना सिखा दिया है हमने,
अब गिर कर संभलना सीख लिया है हमने ।

  - प्रीती सचान   

टिप्पणियाँ

Sakshi singh ने कहा…
Very nice
Priyanshi Singh ने कहा…
Wow 😳

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