आज तारीख है 14/11/2024, आज है बाल दिवस, बच्चों का दिन, मै भी हमेशा बच्चा बन कर रहना चाहता हूँ, मुझे इस प्रकार जीवन जीने मे बड़ा ही आनंद आता है वैसे मेरे आनंद का विषय गणित भी है लेकिन मुझे गणित के आनंद के बाद इस तरीके का जीवन जीना पसंद है , इसमे कठिनाइयाँ बहुत होती लेकिन मै खुश हूँ उन्हे सुलझाने में, हाँ क्योंकि मै गणितज्ञ हूँ और मेरा काम है, समस्याओ का समाधान करना, चाहे वो जीवन की हो या गणित की, मेरे पास गणित के logics है , और वह समस्याओ के समाधान मे बहुत हेल्प करते है, मेरा हमेशा से मानना है जीवन को वैसे जियो जैसे आप चाहो न कि कोई दूसरा, खुद के अलावा कोई नहीं जान सकता आपको कैसे खुश रहना है |
''चलो न बच्चों की तरह जीवन जीते है, खुशियों को फिर से सीते है''
बात करते है हम बाल दिवस मानते क्यों है ?
बाल दिवस हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है, जो भारत के पहले प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिवस है। नेहरू जी बच्चों से बहुत प्रेम करते थे और उन्हें देश का भविष्य मानते थे। इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया ताकि बच्चों को विशेष मान्यता और सम्मान दिया जा सके।
बाल दिवस का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों, उनकी शिक्षा, उनकी देखभाल और उनके उज्ज्वल भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना है। इस दिन स्कूलों में विशेष कार्यक्रम होते हैं जैसे खेलकूद प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और अन्य मनोरंजक गतिविधियाँ, जिससे बच्चों में उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ता है।
इसके साथ ही, बाल दिवस बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का एक अवसर भी है, ताकि समाज में उन्हें स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण मिले, जिसमें वे शिक्षा प्राप्त कर सकें और अपने सपनों को पूरा कर सकें।
कुछ पंक्तियाँ है जिन्हे मै अभी लिखा है -
रंग बिरंगे फूलों में,
तितली भ्रमर हो जैसे,
आओ हम भी छोटे हो जाए,
बच्चों की तरह खुशियां मनाए,
भूल जाए कल क्या होगा,
जो करना है उसमे खो जाए,
आओ हम भी छोटे हो जाए,
थोड़ा हट दिखला कर,
हम भी अपनी बात मनवाए,
आओ हम भी बच्चे बन जाए |
- अर्पित सचान
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