. ए जिदंगी, आ जीना सीखा दू, ए जिंदगी, आ लोगो से बात करना सीखा दू, ए जिंदगी, आ तुझे लोगो को हंसाना सीखा दू, ए जिंदगी, आ तुझे बच्चो से खेलना दिखा दू, ए जिंदगी, आ तुझे लोगो के जीना का तरीका सीखा दू, ए जिंदगी, तू मत खेला कर लोगो के साथ, आ तुझे उसने मुहोब्बत करा दू । - अर्पित सचान
. गिरना भी अच्छा है, औकात का पता चलता है...... बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को....... अपनों का पता चलता है ! जिन्हें गुस्सा आता है वो लोग सच्चे होते हैं, मैंने झूठों को अक्सर मुस्कुराते हुए देखा.....!! सीख रहा हूं मैं भी इंसानों को पढने का हुनर, सुना है चेहरे पे किताबों से ज्यादा लिखा होता है | ~ अमिताभ बच्चन