Skip to main content

कविता: मुहोब्बत

.

मुहोब्बत

उसने पूछा-

मुहोब्बत क्या है

मैंने कहा 'आग 

और दिल?

'चूल्हा है

वो मुस्कराई और बोली-

तो क्या पकाते हो इस पर?

'रिश्ते और जज्बात'

ये चूल्हा जलता कैसे है?

'बातो से मुलाकातों से'

उसने शरारती लहजे में पूछा-

अच्छा तो मैं क्या हूं?

मैंने कहा- "तुम,

रोशनी हो और तपिश भी"

वो मुस्कराई और शांत हो गई।

उसने नहीं पूछा धुआं क्या है?

वो अब भी नहीं जानती,

मुहोब्बात क्या है ।

🖊️ अर्पित सचान



Comments

Shilpi thakur said…
Very nice
Saumya sengar said…
👍👍👍👍

Popular posts from this blog

कविता: मेरी परछाई

. मेरी परछाई आज पूछ ही लिया परछाई से, क्यूं देती हो तुम साथ मेरा  थोड़ा रुक कर बोली, तुझे ना हो कभी अकेलेपन का अहसास कैसे तुझको छोङू अकेला,  जब मै और तुम एक ही है  काया भले ही हो अलग - अलग पर वजूद तो एक ही है, जब दुनिया छोड़ती है तेरा साथ,  तब भी मै होती हूं तेरे साथ जब अपने ही करते है खाक, तब भी मै होती हूं तेरे साथ तू अपने मन की बात कहे ना कहे मुझे सब देती है सुनाई, तेरी हंसी, तेरा दुख, तेरा दर्द सब देता है मुझे दिखाई, तेरे उत्थान से पतन तक, बस मै ही तो होती हूं तेरे साथ  क्योंकि मै हूं तेरी परछाई, कैसे छोड़ दू तेरा साथ ।। -- प्रीती सचान (Teacher)

कविता : कुछ हसना-गाना शुरू करो

             " कुछ हसना-गाना  शुरू करो"                           कुछ तो सोचा ही होगा, संसार बनाने वाले ने |            वरना सोचो ये दुनिया जीने के लायक नहीं होती ||         तुम रोज सवेरे उठते हो, और रोज रात को सोते हो,           जब भी कोई मिलता है अपना ही रोना रोते हो, ये रोना-धोना बंद करो कुछ हंसना गाना शुरू करो, बेशक मरने को आए हो पर बिना जिए तो नहीं मरो || इन पेड़ों से इन पौधों से कुछ कला सीख लो जीने की,  वरना यह हंसमुख हरियादी इतनी सुखदायक क्यों होती, वरना सोचो यह दुनिया जीने के लायक क्यों होती, कुछ तो सोचा ही होगा संसार बनाने वाले ने || आप जिसे दुख कहते हैं वह क्यों फिरता है मारा मारा, इतना शक्ति भूत होकर भी क्यों कहलाता है बेचारा, वह भी अपनी सुख की खातिर आप तलक आ जाता है, मुझको मेरा दुख दे दो कहकर झोली फैलाता है || हर दुख का भी अपना सुख है जो छिपा आपके भीतर है, यह छम्मक छैया सुख-दुख की अपनी सुर गायक क्यों होती, वरना सोचो यह दुनिया जीने के लायक क्यों होती, कुछ तो सोचा ही होगा संसार बनाने वाले ने || इस दुनिया में इस जीवन